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Wednesday 31 May 2017

REVIEW OF THE SCHEME FOR ENGAGEMENT OF A DEPENDENT OF DECEASED GRAMIN DAK SEVAKS ON COMPASSIONATE GROUNDS











4 comments:

  1. मा. महोदय
    ये जो सरकार ने अनुकंपा भरती का फैसला किया है की जाे केसेस सेटल हो गए हैं उनके केसेस फिर से रिओपन नही किए जाएंगे ये फैसला सरासर म्रत कर्मचारी के पाल्य के साथ नाइन्साफी है. युनियन ने पिछले चार पांच साल से अनुकंपा भरती 100%करने की मांग की है और और आजतक पाेंइट सिस्टम की बजह से बहुत केसेस नकार दिये हैं और आज उनके साथ अन्याय क्यों? उन के भी केसेस रिओपन करके उन सबको नौकरी देनी चाहिए.

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  2. मा. महोदय
    ये जो सरकार ने अनुकंपा भरती का फैसला किया है की जाे केसेस सेटल हो गए हैं उनके केसेस फिर से रिओपन नही किए जाएंगे ये फैसला सरासर म्रत कर्मचारी के पाल्य के साथ नाइन्साफी है. युनियन ने पिछले चार पांच साल से अनुकंपा भरती 100%करने की मांग की है और और आजतक पाेंइट सिस्टम की बजह से बहुत केसेस नकार दिये हैं और आज उनके साथ अन्याय क्यों? उन के भी केसेस रिओपन करके उन सबको नौकरी देनी चाहिए.

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  3. मा. महोदय
    ये जो सरकार ने अनुकंपा भरती का फैसला किया है की जाे केसेस सेटल हो गए हैं उनके केसेस फिर से रिओपन नही किए जाएंगे ये फैसला सरासर म्रत कर्मचारी के पाल्य के साथ नाइन्साफी है. युनियन ने पिछले चार पांच साल से अनुकंपा भरती 100%करने की मांग की है और और आजतक पाेंइट सिस्टम की बजह से बहुत केसेस नकार दिये हैं और आज उनके साथ अन्याय क्यों? उन के भी केसेस रिओपन करके उन सबको नौकरी देनी चाहिए.

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  4. मा. महोदय
    ये जो सरकार ने अनुकंपा भरती का फैसला किया है की जाे केसेस सेटल हो गए हैं उनके केसेस फिर से रिओपन नही किए जाएंगे ये फैसला सरासर म्रत कर्मचारी के पाल्य के साथ नाइन्साफी है. युनियन ने पिछले चार पांच साल से अनुकंपा भरती 100%करने की मांग की है और और आजतक पाेंइट सिस्टम की बजह से बहुत केसेस नकार दिये हैं और आज उनके साथ अन्याय क्यों? उन के भी केसेस रिओपन करके उन सबको नौकरी देनी चाहिए.

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